बैलेट पेपर और ईवीएम के बीच क्या अंतर है?

भारत में चुनाव आजकल ईवीएम और बैलेट पेपर के जरिए होते हैं आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे ballot paper और Evm किसे कहते है और Difference Between ballot paper और Evm in Hindi की ballot paper और Evm में क्या अंतर है?

Difference Between ballot paper and Evm in Hindi-बैलेट पेपर और ईवीएम के बीच क्या अंतर है?

अगर बैलेट पेपर और ईवीएम के बीच के मुख्य अंतर की बाते करे तो यह है की ईवीएम को बैलेट बॉक्स की तुलना में एक जगह से दूसरी जगह से लाना और ले जाना काफी आसान होता है क्योंकि वे हल्के, अधिक पोर्टेबल होते हैं और इससे मतदान करना भी काफी आसान है।

बैलेट पेपर पेपर से जहा मतदान करने में काफी टाइम लगता है वही जब मतगणना होती है तब भी काफी टाइम लगता है वही अगर ईवीएम की बात करे तो इससे मतदान और मतगणना दोनों ही काफी कम समय में किया जा सकता है। आज के समय में हर इलेक्शन में ईवीएम प्रणाली तेज और अधिक भरोसेमंद हो गई है।

बैलेट पेपर और ईवीएम में दूसरा सबसे बड़ा अंतर यह है की बैलेट पेपर से इलेक्शन जब होते है तो उसमे भरी मात्रा में कागज लगता है जो की प्रकति के हिसाब से सही नहीं है जबकि ईवीएम से इलेक्शन में किसी भी प्रकार के कागज की आवश्यकता नहीं होती।

भारत की संसद ने दिसंबर 1988 में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन किया। संशोधित कानून की धारा 61A ने चुनाव आयोग को कागजी मतपत्रों के बजाय मतदान मशीनों को तैनात करने का अधिकार दिया। संशोधित कानून 15 मार्च 1989 से प्रभावी हुआ।

What is ballot paper in Hindi-बैलेट पेपर किसे कहते है?

बैलेट पेपर एक कागज की शीट होती है इसका आमतौर पर इस्तेमाल चुनाव में किया जाता है। बैलेट पेपर पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के नाम, पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह के साथ सूचीबद्ध होते हैं। मतदान करते समय मतदाता अपने मनपसंद प्रतिनिधि के चुनाव निशान के सामने मुहर लगा कर मतदान कर सकते है आम भाषा में जिसे वोट देना कहा जाता हैं।

बैलेट पेपर से चुनाव कराने सें लाभ-Advantages of paper ballot voting system in Hindi

बैलेट पेपर से चुनाव पूरी तरह से ऑफलाइन होता है और यह किसी किसी भी प्रकार की तकनीकी से नहीं जुड़ा होता इसीलिए इसको हैक नहीं किया जा सकता। इसमें मतदाता पूर्ण विश्वास के साथ अपने मनपसंद प्रतिनिधि को वोट दे सकता है।

बैलेट पेपर से चुनाव कराने सें हानिया-Disadvantages of paper ballot voting system in Hindi

  • चुनाव होने के बाद बैलेट बॉक्स में पानी डाल देना या आग लगा देने से सारे बैलेट पेपर ख़राब हो सकते है।
  • चुनाव होने के बाद बैलेट बॉक्स लूट लेना
  • बैलेट पेपर को एक एक करके गिनना पड़ता है इससे रिजल्ट आने में काफी समय लगता है
  • बैलेट से चुनाव में काफी समय और धन का खर्च होता है
  • बैलेट पेपर से चुनाव से काफी कागज बर्बाद होता है।

What is Evm in Hindi-ईवीएम किसे कहते है?

ईवीएम या इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन आजकल भारत में वोट डालने का एक प्रमुख तरीका है। यह एक ऐसी मशीन है जिसका उपयोग मतदाताओं के वोटों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से डालने के लिए किया जाता है। जहा पहले बैलेट पेपर से मतदान करवाया जाता था जिसमे काफी सारा कागज लगता था वही आज ईवीएम मशीन से बिना किसी पेपर से डिजिटल तरीके से मतदान हो जाते हैं।

ईवीएम और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग का उपयोग 1990 के दशक में राज्य के स्वामित्व वाली इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा विकसित और परीक्षण किया गया था।

ईवीएम या इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से चुनाव कराने सें लाभ-Advantages of Evm voting system in Hindi

1. एक अनुमान के अनुसार भारत में एक राष्ट्रीय चुनाव में ईवीएम मशीन के प्रयोग से लगभग 10,000 टन मतपत्र की बचत होती है। यह लगभग 2 लाख पेड़ों की बचत है। इसलिए चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से अच्छा काम है।

2. एम2 ईवीएम (2006-10) की कीमत 8670 रुपये/ईवीएम (बैलेटिंग यूनिट और कंट्रोल यूनिट) थी। एम3 ईवीएम की कीमत लगभग रु. 17,000/यूनिट। लेकिन यह लागत कम लगती है यदि हम मतपत्रों को छापने की लागत, उनके भंडारण, वाष्पोत्सर्जन और मतपत्रों को ले जाने के लिए उपयोग की जाने वाली जनशक्ति पर होने वाली लागत की गणना करते हैं।

3. मतपेटियों की तुलना में ईवीएम मशीनों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है, इसलिए पहाड़ी और अन्य दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोग चुनाव में अपना वोट डाल सकते हैं। इसलिए ईवीएम ने देश के कई लोगों को वोट देने का अधिकार प्रदान किया।

4. उम्मीद है कि भारत में 2019 के लोकसभा चुनाव में करीब 90 करोड़ लोग मतदान करेंगे, लेकिन ईवीएम मशीनों के इस्तेमाल से उम्मीद है कि मतों की गिनती तेजी से होगी। इसलिए मतगणना का कम समय चुनाव मशीनरी को जल्दी जारी करेगा और कर्मचारी अपने मूल विभागों में जल्दी शामिल हो सकेंगे।

6. जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है कि केवल एक वोट एक व्यक्ति द्वारा डाला जा सकता है, इसलिए ईवीएम नकली वोटों की संभावनाओं को कम करता है।

7. चुनाव कराने के बाद ईवीएम वोटों को अपनी स्मृति में सहेजती है, इसलिए जब वोटिंग बंद हो जाती है तो नकली वोट की किसी भी संभावना को कम कर देता है।

ईवीएम की “कंट्रोल यूनिट” ईवीएम आयोजित वोट को दस साल तक की अवधि के लिए रख सकती है। इसलिए किसी भी विवाद की स्थिति में मतों की दोबारा गिनती संभव है।

9. ईवीएम बैटरी से चलती हैं, इसलिए इन मशीनों का उपयोग उन क्षेत्रों में किया जा सकता है जहां बिजली नहीं है।

10. एक भारतीय ईवीएम का उपयोग ईवीएम के लिए किया जा सकता है, यह बहुत ही लागत प्रभावी है क्योंकि एक मशीन लगभग 15 वर्षों तक काम करती है। तो एक चुनाव की कुल लागत कम हो जाती है।

Conclusion

आज के इस पोस्ट में हमने जाना की ballot paper और Evm किसे कहते है और Difference Between ballot paper and Evm in Hindi की ballot paper और Evm में क्या अंतर है।

Ravi Giri
Ravi Girihttp://hinditechacademy.com/
नमस्कार दोस्तों, मै रवि गिरी Hindi Tech Academy का संस्थापक हूँ, मुझे पढ़ने और लिखने का काफी शौख है और इसीलिए मैंने इस ब्लॉग को बनाया है ताकि हर रोज एक नयी चीज़ के बारे में अपने ब्लॉग पर लिख कर आपके समक्ष रख सकू।

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