Difference Between Circuit Switching and Packet Switching in Hindi

आज के इस पोस्ट में हम Difference Between Circuit Switching and Packet Switching in Hindi में जानेंगे की Circuit Switching और  Packet Switching के बीच में क्या अंतर होता हैं?

Difference Between Circuit Switching and Packet Switching in Hindi

Difference Between Circuit Switching and Packet Switching in Hindi

Circuit switching और Packet switching दोनों ही switching methods है जिनका उपयोग बहुत सारी Communication Device को आपस में कनेक्ट करने के लिए किया जाता है। Circuit switching को विशेष रूप से voice communication के लिए Designed किया गया है और इसीलिए यह data transmission के लिए Suitable नहीं है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए Packet switching का इस्तेमाल किया जाता है।

सर्किट स्विचिंग और पैकेट स्विचिंग के बीच मुख्य अंतर की बात की जाए तो यह है कि Circuit Switching   connection oriented  है, जबकि पैकेट स्विचिंग connection less होती  है।

सर्किट स्विचिंग और पैकेट स्विचिंग के बीच और भी बहुत सारे अंतर है जिन्हे हम Difference Table के माध्यम से आगे जानेंगे लेकिन उससे पहले हम Circuit switching और Packet switching क्या होता है इसको अच्छे से समझते है।

What is Circuit Switching in Hindi- Circuit Switching किसे कहते है। 

Circuit switching नेटवर्क एक प्रकार का connection-oriented networks होता हैं। यहां, Source और Destination के बीच एक Dedicated Route स्थापित किया जाता है और पूरे मैसेज को इसके माध्यम से ट्रासंफर किया जाता है।

दूसरे शब्दों में कहे तो Circuit Switching किसी भी मैसेज को भेजने से पहले Sender और Receiver के बीच एक Physical Path को स्थापित करता है और जब सेन्डर और रिसीवर के बीच कनेक्शन Establish हो जाता है तब सारे मैसेज Sender से रिसीवर तक Establish Path के माध्यम से Travel करते है।

एक बार मैसेज रिसीवर तक Successfully पहुंचाने के बाद, सेन्डर नेटवर्क को ट्रांसमिशन के पूरा होने की जानकारी देता है और फिर दूसरे कनेक्शन को सेट करने के लिए लिंक और अन्य कनेक्टिंग डिवाइस का उपयोग किया जाता है।

सर्किट स्विचिंग को हमेशा Physical Layer पर implement किया जाता है। सर्किट स्विचिंग को एक telephone conversation  के उदाहरण के साथ आसानी से समझा जा सकता है।

एक telephone conversation में एक कॉलर और रिसीवर के बीच एक बार एक कनेक्शन स्थापित होने पर तब तक Connection बना रहता है जब तक की  पूरी बातचीत समाप्त नहीं हो जाती है और कॉलर और रिसीवर दोनों अपने फ़ोन कॉल को कट नहीं करते हैं।

Circuit switching को डेटा ट्रांसमिशन के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है क्योकि डेटा  spurts (stream) में Transmit होता है और लाइन अधिकांश समय बेकार रहती है और इसलिए, बैंडविड्थ बर्बाद हो जाता है। सर्किट स्विचिंग को दो तकनीकों का उपयोग करके लागू किया जा सकता है या तो Space Division Switching या Time Division Switching

What is Packet Switching in Hindi- Packet Switching किसे कहते है। 

Packet Switched Networks  कनेक्शन रहित (connection less) नेटवर्क हैं। यहां Message को कई Units में विभाजित करता है जिन्हें पैकेट कहा जाता है जो individually  ही Source से Destination तक ट्रेवल करते है।

पैकेट स्विचिंग connection less है क्योंकि यह ट्रांसमिशन शुरू होने से पहले किसी भी Physical Connection को स्थापित नहीं करता है।  Packet Switching में Message Transmit होने से पहले उस Message को कुछ Manageable Part में विभाजित किया जाता है जिन्हें पैकेट कहा जाता है। इन पैकेटों को एक-एक करके Source से Destination तक भेजा जाता है।

पैकेट स्विचिंग में, प्रत्येक पैकेट Destination तक पहुंचने के लिए एक अलग Route को Follow कर सकता है। Destination पर पहुंचने वाले पैकेट आउट ऑफ आर्डर होते है जिन्हे पहले क्रम में इकट्ठा किया जाता है उसके बाद उन्हें Upper Layer को सेंड कर दिए जाते है।

पैकेट स्विचिंग को हमेशा नेटवर्क लेयर पर Implement किया जाता है। पैकेट स्विचिंग के दो दृष्टिकोण हैं Datagram Approach और Virtual Circuit Approach.। Datagram दृष्टिकोण में प्रत्येक पैकेट अन्य से स्वतंत्र होते है, हालांकि फिर भी वे एक ही मैसेज से संबंधित हैं और Destination तक पहुंचने के लिए एक अलग रास्ता भी चुन सकते हैं।

Difference Between Circuit Switching and Packet Switching in Hindi

अभी तक ऊपर हमने जाना की Circuit switching और Packet switching  किसे कहते है? अगर आपने ऊपर दी गयी सारी बाते ध्यान से पढ़ी है तो आपको Circuit switching और Packet switching के बीच क्या अंतर है इसके बारे में पता चल गया होगा ।

अगर आपको अब भी Circuit switching और Packet switching  में कोई confusion है तो अब हम आपको इनके बीच के कुछ महत्वपूर्ण अंतर नीचे बताने जा रहे है।

BASIS FOR COMPARISON CIRCUIT SWITCHING PACKET SWITCHING
Orientation  यह Connection oriented होता है। यह Connectionless होता है।
Purpose इसे Voice communication के लिए designed किया गया है।  इसे Data Transmission के लिए designed किया गया है।
Flexibility यह Inflexible, होता है क्योंकि एक बार एक Path सेट होने के बाद ट्रांसमिशन के सभी हिस्से एक ही Path को  Follow करते हैं। यह Flexible है क्योंकि Destination तक जाने के लिए प्रत्येक पैकेट के लिए एक मार्ग बनाया गया है।
Order Source से भेजे गए क्रम में Message प्राप्त होता है। इसमें आउट ऑफ आर्डर क्रम में मैसेज प्राप्त होता है।
Technology/Approach सर्किट स्विचिंग को दो तकनीकों का उपयोग करके प्राप्त किया जा सकता है, या तो स्पेस डिवीजन स्विचिंग या टाइम-डिवीजन स्विचिंग। पैकेट स्विचिंग के दो दृष्टिकोण हैं डाटाग्राम एप्रोच और वर्चुअल सर्किट अप्रोच।
Layers Circuit Switching को Physical Layer पर implement किया जाता है। Packet Switching को  Network Layer पर implement किया जाता है।

Conclusion

आज के इस पोस्ट में हम Difference Between Circuit Switching and Packet Switching in Hindi की Circuit Switching और  Packet Switching के बीच में क्या अंतर होता हैं इसके बारे में डिटेल्स में जाना।

डेटा ट्रांसमिशन के लिए, पैकेट स्विचिंग सर्किट स्विचिंग की तुलना में अधिक कुशल है, और जब  Voice Transition की बात आती है तो सर्किट स्विचिंग पैकेट  स्विचिंग से अधिक कुशल होती है।

Related Differences:

Difference Between Circuit switching and Message switching in Hindi

Difference Between Bridge and Gateway in Hindi

Difference Between Flow Control and Error Control in Hindi

Ravi Giri
Ravi Girihttp://hinditechacademy.com/
नमस्कार दोस्तों, मै रवि गिरी Hindi Tech Academy का संस्थापक हूँ, मुझे पढ़ने और लिखने का काफी शौख है और इसीलिए मैंने इस ब्लॉग को बनाया है ताकि हर रोज एक नयी चीज़ के बारे में अपने ब्लॉग पर लिख कर आपके समक्ष रख सकू।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read