Difference Between DNS and DHCP in Hindi

आज के इस पोस्ट में हम Difference Between DNS and DHCP in Hindi में जानेंगे की DNS और DHCP Protocol के बीच में क्या अंतर होता हैं?

Difference Between DNS and DHCP in HindiDifference Between DNS and DHCP in Hindi

DNS और DHCP दोनों ही client-server architecture पर काम करते है लेकिन दोनों के काम करने का तरीका और उद्देश्य एक दूसरे से बिल्कुल अलग है।

अगर  DNS और DHCP के बीच मुख्य अंतर की बात की जाये तो एक DNS सर्वर IP को उसके Domain Name और Domain को उसके IP में कन्वर्ट करता है वही दूसरी और एक DHCP सर्वर जो किसी नेटवर्क में होस्ट को आटोमेटिक ही IP  असाइन करता है। DNS सर्वर को होस्ट में सेट करते समय DHCP का भी उपयोग किया जाता है।

इसके आलावा भी एक DNS Server और DHCP Server में काफी अंतर होते है जिनको हम Difference Table के माध्यम से नीचे जानेंगे लेकिन उससे पहले हम DNS Server और DHCP Server को और अच्छे से समझ लेते है।

What is DNS in Hindi-DNS क्या होता है?

DNS जिसका पूरा नाम Domain Name System होता है।  DNS सर्वर की मदद से नेटवर्क में Domain Names को IP Address में और IP Address को उसके Domain Name में ट्रांसलेट किया जाता है।

एक प्रकार से DNS सर्वर इंटरनेट की Phonebook होती है। डोमेन नाम  वेब ब्राउज़र  में टाइप करके जैसे Google.com या youtube.com के माध्यम से मनुष्य ऑनलाइन जानकारी प्राप्त करते हैं। लेकिन वेब ब्राउज़र Internet Protocol (IP) addresses के माध्यम से बातचीत करते हैं। DNS उस Domain Name को IP में ट्रांसलेट करता है ताकि ब्राउज़र इंटरनेट संसाधनों को लोड कर सकें।

How Does DNS Work in Hindi-DNS सर्वर कैसे काम करता है?

इंटरनेट कंप्यूटर का एक विशाल नेटवर्क है। इंटरनेट से जुड़े प्रत्येक डिवाइस को एक यूनिक IP Address दिया जाता है जो अन्य कंप्यूटरों को इसे पहचानने में मदद करता है। IP एक Numeric एड्रेस होता है जो इस तरह दिखता है: 192.124.249.166

अब कल्पना करें कि यदि आपको अपनी पसंदीदा वेबसाइटों पर जाने के लिए इतने लंबे IP Address को याद करना पड़े। तो उन्हें याद रखना मुश्किल है और जिस प्रकार हम किसी का मोबाइल नंबर याद नहीं कर पाते तो हम उसको उसके नाम से अपने मोबाइल में सेव कर लेते है।

डोमेन नाम अल्फाबेट्स का उपयोग करके इस समस्या को हल करने के लिए आविष्कार किए गए थे और उपयोगकर्ताओं को अपनी

इसी तरह DNS सर्वर भी सारी वेबसाइट की IP को उनके Domain Name से इंडेक्स कर लेता है और Users को उसके IP Address को याद करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है। DNS उन Domain Name को IP में ट्रांसलेट करके आपके डिवाइस को सही दिशा में इंगित करती है।

What is DHCP in Hindi-DHCP क्या होता है?

DHCP जिसका फुलफॉर्म Dynamic Host Configuration Protocol है यह एक नेटवर्क मैनेजमेंट प्रोटोकॉल है जिसका इस्तेमाल नेटवर्क में कनेक्टेड सभी डिवाइस को Dynamically IP Address Assign करने के लिए किया जाता है।

जैसा की हम सब जानते है नेटवर्क में एक कम्यूटर दूसरे कंप्यूटर के साथ तभी इनफार्मेशन को शेयर करता है जब उसे एक यूनिक IP एड्रेस प्रदान की जाये।

छोटे नेटवर्क में हर कंप्यूटर पर जा कर उसमे मैनुअल IP असाइन करना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है लेकिन समस्या तब होती है जब नेटवर्क बहुत बड़ा होता है और उसमे बहुत सारी डिवाइस रोज Add और Remove की जाती है तो उस समय Network Administrator को IP मैनेजमेंट करने में बहुत बड़ी समस्या होती है।

इस समस्या को हल करने के लिए नेटवर्क में DHCP को इस्तेमाल किया जाता है और DHCP सर्वर नेटवर्क में सभी Devices को आटोमेटिक ही IP Address असाइन करता है। DHCP सर्वर नेटवर्क में डिवाइस  IP असाइन करने के लिए DORA Process का इस्तेमाल करता है

Difference Between DNS and DHCP in Hindi

अभी तक ऊपर हमने जाना कीDNS और DHCP किसे कहते है? अगर आपने ऊपर दी गयी सारी बाते ध्यान से पढ़ी है तो आपको DNS और DHCP के बीच क्या अंतर है इसके बारे में पता चल गया होगा ।

अगर आपको अब भी DNS और DHCP में कोई confusion है तो अब हम आपको इनके बीच के कुछ महत्वपूर्ण अंतर नीचे बताने जा रहे है।

Sr. No. Key DNS DHCP
1 Definition DNS का फुलफॉर्म Domain Name System होता है। DHCP का फुलफॉर्म Dynamic Host Configuration Protocol होता है।
2 Port DNS Server पोर्ट नम्बर 53 पर काम करता है। DHCP Server पोर्ट नंबर 67 और 68 पर काम करता है।
3 Protocol Supported DNS सर्वर UDP और TCP प्रोटोकॉल को सपोर्ट करता है। DNS सर्वर केवल UDP प्रोटोकॉल को सपोर्ट करता है।
4 Type DNS एक decentralized system होता है। DHCP एक Centralized system होता है।
5 Objective DNS सर्वर Domain Name को उसके IP Address और IP को Domain में ट्रांसलेट करता है। DHCP Server का इस्तेमाल नेटवर्क में Host को Automatic IP Address असाइन करने के लिए किया जाता है।

Conclusion

आज की इस पोस्ट में हमने Difference Between DNS and DHCP in Hindi की DNS और DHCP में क्या अंतर होता है और साथ ही हमने DNS और DHCP के बारे में भी अच्छे से जाना।

DNS और DHCP दोनों टेक्नोलॉजी को नेटवर्क या इंटरनेट का उपयोग करने वाले Users की सुविधा के लिए तैयार किया गया था। DNS ने User को वेबसाइट को एक्सेस करने के लिए जटिल  IP Address को याद रखने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया, जबकि DHCP सर्वर नेटवर्क में Host को Automatically IP Address प्रदान करके Network Administrator के काम को आसान कर दिया है।

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Ravi Giri
Ravi Girihttp://hinditechacademy.com/
नमस्कार दोस्तों, मै रवि गिरी Hindi Tech Academy का संस्थापक हूँ, मुझे पढ़ने और लिखने का काफी शौख है और इसीलिए मैंने इस ब्लॉग को बनाया है ताकि हर रोज एक नयी चीज़ के बारे में अपने ब्लॉग पर लिख कर आपके समक्ष रख सकू।

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