आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे Driving License और Learner’S License किसे कहते है और Difference Between Driving License and Learner’S License in Hindi की Driving License और Learner’S License में क्या अंतर है?
Driving License और Learner’S License के बीच क्या अंतर है?
लर्नर लाइसेंस और ड्राइवर लाइसेंस दोनों ही सार्वजनिक रोड पर गाडी चलाने के लिए कानूनी दस्तावेज हैं इसलिए इन दोनों के बीच लोगो में भ्रम बना रहता है कि आखिर इन दोनों के बीच क्या अंतर है।
आज हम आपको बताना चाहेंगे कि लर्नर लाइसेंस और ड्राइविंग लाइसेंस के बीच मुख्य अंतर यह है कि लर्नर लाइसेंस एक प्रतिबंधित लाइसेंस है जो उस व्यक्ति को जारी किया जाता है जो अभी भी गाडी चलाने का अभ्यास कर रहा है। दूसरी ओर, ड्राइविंग लाइसेंस परमानेंट एक कानूनी दस्तावेज है जो किसी विशिष्ट व्यक्ति को सार्वजनिक सड़कों पर गाडी चलाने कि अनुमति प्रदान करता है।
एक लर्नर लाइसेंस यह प्रमाणित करता है कि आपको सड़क पर गाडी चलाने का और सड़क के नियमों को संचालित करने की सिर्फ बेसिक समझ है। लर्नर लाइसेंस की 24 महीने की वैधता अवधि होती है और इसे बढ़ाया नहीं जा सकता है। यदि आपके पास लर्नर लाइसेंस है, तो आप केवल ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त ड्राइवर की देखरेख में ही गाड़ी चला सकते हैं।
इसके आलावा भी Driving License और Learner’S License में कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते है जिनको हम Difference टेबल के माध्यम से नीचे समझेंगे लेकिन उससे पहले हम Driving License और Learner’S License किसे कहते है इसको और अच्छे से समझ लेते है।
What is Driving License in Hindi-ड्राइविंग लाइसेंस किसे कहते है?
ड्राइविंग लाइसेंस एक कानूनी दस्तावेज है जो किसी व्यक्ति को सार्वजनिक सड़कों पर गाडी चलने की अनुमति प्रदान करता है। भारत में ड्राइविंग लाइसेंस आमतौर पर आधार कार्ड के साइज के प्लास्टिक कार्ड के रूप में जारी किए जाते हैं।
18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, जिनके पास लर्निंग लाइसेंस है, जिन्होंने ड्राइविंग टेस्ट पास कर लिया है, उन्हें स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस मिल सकता है बस आपको अपने स्थायी लाइसेंस के लिए आरटीओ में जाकर एक आवेदन करना होगा।हलाकि आप ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हो लेकिन आपको अपना ड्राइविंग टेस्ट करने के लिए आरटीओ में जाना अनिवार्य और यदि आप सफल होते हैं, तो आपको Permanent Driving License जारी किया जाता है।
भारत में, एक परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस जारी होने की तारीख से 20 साल के लिए या लाइसेंस धारक के 50 वर्ष की उम्र तक वैध और प्रभावी होता है। इसके अलावा Commercial Driving Licence सिर्फ 3 साल तक वैध होता है।
Permanent licence:
- यदि आवेदक पात्रता मानदंड को पूरा करता है तो आरटीए एक स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस जारी करता है।
- मानदंडों के अनुसार, आवेदक की आयु 18 वर्ष होनी चाहिए और उसे ड्राइविंग टेस्ट पास करना चाहिए।
- यदि वह ड्राइविंग टेस्ट में फेल हो जाता है, तो वह सात दिनों के बाद फिर से परीक्षा दे सकता है।
What is Learner’S License in Hindi-लर्निंग लाइसेंस किसे कहते है?
भारत में सड़कों पर कानूनी रूप से किसी भी प्रकार का दोपहिया या चार पहिया वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस का होना अनिवार्य है। हालाँकि, एक स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस तुरंत प्राप्त नहीं किया जा सकता है। इसके लिए अलग से प्रक्रिया है।
लर्निंग लाइसेंस एक तरह का अनुमति पत्र है जो कि आपको सड़क पर किसी जानकार व्यक्ति जिसके पास खुद का पक्का लाइसेंस हो, उनके निरीक्षण में आपको गाड़ी चलाने की कानूनी अनुमति प्रदान करता है।
दूसरे शब्दों में कहे तो एक लर्नर लाइसेंस एक अस्थायी परमिट है जो आपको सार्वजनिक सड़कों पर ड्राइविंग का अभ्यास करने की अनुमति देता है जब तक कि आप अपना नियमित लाइसेंस प्राप्त नहीं कर लेते।
लर्नर लाइसेंस प्राप्त करने के लिए स्वीकृत आयु अलग-अलग देशों में भिन्न-भिन्न होती है। अगर भारत की बात करे तो एक व्यक्ति जिसने सोलह वर्ष की आयु पूरी कर ली है, बिना गियर वाली मोटर साइकिल चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त कर सकता है, जिसकी इंजन क्षमता 50 सीसी से अधिक नहीं है।
Learner’s licence:
- सड़क परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस देने से पहले आवेदक को लर्नर लाइसेंस जारी करता है। यह 6 महीने तक के लिए वैध है।
- इस लाइसेंस को प्राप्त करने के लिए, आवेदक को आरटीओ में वैध दस्तावेज जमा करने होंगे और एक छोटी सी परीक्षा पास करनी होगी।
- यदि आवेदक अभी भी ड्राइविंग के बारे में आश्वस्त महसूस नहीं करता है, तो वह अपने लर्निंग लाइसेंस को बढ़ा सकता है।
Difference Between Driving License and Learner’S License in Hindi
अभी तक ऊपर हमने जाना की Driving License और Learner’S License किसे कहते है अगर आपने ऊपर दी गयी सारी चीजे ध्यान से पढ़ी है तो आपको Driving License और Learner’S License के बीच क्या अंतर है इसके बारे में अच्छे से पता चल गया होगा।
अगर आपको अब भी Driving License और Learner’S License क्या होता है और इसमें क्या अंतर है इसको समझने में में कोई कन्फ़्युशन है तो अब हम आपको इनके बीच के कुछ महत्वपूर्ण अंतर नीचे बताने जा रहे है।
Parameters of Comparison | Learner Licence | Driving Licence |
Definition | जो गाड़ी चलाना सीख रहा है उसे लर्नर लाइसेंस जारी किया जाता है। | एक कानूनी दस्तावेज जो किसी व्यक्ति को सार्वजनिक सड़कों पर दोपहिया और चारपहिया वाहनों को चलाने की अनुमति देता है। |
Issued | अभ्यास ड्राइविंग के लिए। | जिसने सफलतापूर्वक ड्राइविंग टेस्ट पास कर लिया है। |
Testing | लर्नर लाइसेंस उन लोगों को दिया जाता है जो ड्राइविंग का अभ्यास करते हैं लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्तें पूरी नहीं करते हैं | अंतिम ड्राइविंग परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को ड्राइविंग लाइसेंस दिया जाता है। |
Permission | केवल वैध ड्राइविंग लाइसेंस के साथ आगे की सीट पर ड्राइविंग का अभ्यास करने की अनुमति है। | कोई प्रतिबंध नहीं है वह अकेले ड्राइव कर सकते हैं। |
Eligibility | 16 साल | 18 साल से ऊपर |
Main Difference Between Learner and Driving Licence-लर्नर और ड्राइविंग लाइसेंस के बीच मुख्य अंतर
- लर्नर लाइसेंस जारी होने की तारीख से 6 महीने के लिए वैध होता है जबकि ड्राइविंग लाइसेंस 20 साल के लिए जारी किया जाता है।
- लर्नर लाइसेंस लिए 16 वर्ष की उम्र होनी अनिवार्य है जबकि ड्राइविंग लाइसेंस 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए आवेदन कर सकता है।
- लर्नर लाइसेंस उन लोगों को दिया जाता है जो ड्राइविंग सीखना शुरू करना चाहते हैं जबकि ड्राइविंग लाइसेंस एक तरह का स्थायी होता है जो टेस्ट पास करके प्राप्त किया जाता है।
- लर्नर लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए आपको इंतजार नहीं करना पड़ता है जबकि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आपको लर्नर लाइसेंस मिलने की तारीख से एक महीने तक इंतजार करना पड़ता है।
Conclusion
आज के इस पोस्ट में हमने जाना की Driving License और Learner’S License किसे कहते है और Difference Between Driving License and Learner’S License in Hindi की Driving License और Learner’S License में क्या अंतर है।
संक्षेप में कहे तो ड्राइविंग लाइसेंस सरकार द्वारा जारी किया गया एक कानूनी दस्तावेज है, जो किसी व्यक्ति द्वारा अंतिम ड्राइविंग टेस्ट पास करने के बाद जारी किया जाता है। दूसरी ओर, लर्नर लाइसेंस किसी ऐसे व्यक्ति को दिया जाने वाला प्रतिबंधित लाइसेंस है जो अभी भी गाड़ी चलाना सीख रहा है और जिसने अभी तक ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्तें पूरी नहीं की हैं।