PROM और EPROM में क्या अंतर है?

आज के इस पोस्ट में हम Difference Between PROM and EPROM in Hindi में जानेंगे की PROM और EPROM में क्या अंतर है?

PROM और EPROM में क्या अंतर है?PROM और EPROM में क्या अंतर है?

अगर आप कंप्यूटर के बारे में थोड़ा बहुत जानते होंगे तो ROM (रीड ओनली मेमोरी) क्या है इसके बारे में जरूर जानते होंगे इसे “रीड-ओनली” कहा जाता है क्योंकि यह डेटा का एक स्थायी पैटर्न रखता है जिसे परिवर्तित नहीं किया जा सकता है। लेकिन शायद आपको यह न पता हो की PROM और EPROM किसे कहते है और दोनों में क्या अंतर है।

PROM, EPROM, EEPROM और Flash ROM के ही प्रकार हैं। इस पोस्ट में हम विशेष रूप से PROM और EPROM के बीच के अंतर को समझेंगे।

अगर PROM और EPROM के बीच मुख्य अंतर की बात की जाये तो यह है कि PROM को केवल एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है, इसका मतलब यह है कि इसे केवल एक बार ही उपयोग किया जा सकता है जबकि EPROM के प्रोग्राम या डेटा को डिलीट किया जा सकता है और इसलिए इसका इस्तेमाल दोबारा से किया जा सकता है।

इसके आलावा भी PROM और EPROM में कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते है जिनको Difference Table के माध्यम से नीचे समझेंगे लेकिन उससे पहले PROM और EPROM क्या होता है इसको और अच्छे से समझ लेते है।

What is PROM in Hindi-प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी किसे कहते है?

PROM का मतलब प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी है यह के ROM का प्रकार है जिसे केवल एक बार ही प्रोग्राम किया जा सकता है।दूसरे शब्दों में कहे तो PROM रीड-ओनली मेमोरी है जिसे केवल एक बार उपयोगकर्ता द्वारा Modify किया जा सकता है।

उपयोगकर्ता एक रिक्त PROM खरीदता है और एक PROM प्रोग्राम का उपयोग करके उसके अंदर इनफार्मेशन को स्टोर करता है। PROM चिप के अंदर, छोटे फ़्यूज़ होते हैं जिन्हें प्रोग्रामिंग के burn किया जाता है। इसे केवल एक बार ही प्रोग्राम किया जा सकता है और यह इरेज़ेबल नहीं है।

What is EPROM in Hindi-Erasable Programmable Read Only Memory किसे कहते हैं?

EPROM का फुलफॉर्म Erasable Programmable Read Only Memory है यह भी एक ROM का प्रकार है लेकिन इसको Read और Write किया जा सकता है।  EPROM के निर्माण में, MOS ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाता है।

यह एक non-volatile memory है और इसक अविष्कार इंटेल द्वारा 1971 में क्या गया था। Non-volatile का  मतलब यह है की पावर स्विच ऑफ होने पर भी डेटा लॉस नहीं होता है। प्रत्येक EPROM को व्यक्तिगत रूप से एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस द्वारा प्रोग्राम किया जाता है। उसके बाद EPROM को मजबूत पराबैंगनी प्रकाश में उजागर करके डेटा को मिटाया जा सकता है। EPROM एक बहुत ही उपयोगी हार्डवेयर या मैकेनिज्म है जहाँ इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा सकता है।

PROM और EPROM में क्या अंतर है?

अभी तक ऊपर हमने जाना की PROM और EPROM किसे कहते है अगर आपने ऊपर दी गयी सारी चीजे ध्यान से पढ़ी है तो आपको PROM और EPROM के बीच क्या अंतर है इसके बारे में पता चल गया होगा।

अगर आपको अब भी PROM और EPROM क्या होता है और इसमें क्या अंतर है इसको समझने में में कोई Confusion है तो अब हम आपको इनके बीच के कुछ महत्वपूर्ण अंतर नीचे बताने जा रहे है।

S.NO PROM EPROM
1. PROM को दोबारा उपयोग नहीं सकते। जबकि EPROM को कई बार पुन: इस्तेमाल किया जा सकता है।
2. PROM सस्ती होती है। EPROM काफी महँगी होती है।
3. PROMS की के प्रोग्राम को आप रिमूव नहीं कर सकते  इसका मतलब है कि यह एक परमानेंट मेमोरी है। जबकि EPROM की प्रोग्राम को रिमूव  किया जा सकता है।
4. PROM का storage endurance अधिक होता है। EPROM का storage endurance कम होता है।
6. PROM ROM का प्रकार है। जबकि EPROM भी ROM का प्रकार है जिसे वैकल्पिक रूप से Read और Write किया जा सकता है।
7. यदि PROM पर लिखते समय कोई मिसकैरेज या त्रुटि, बग है, तो यह अनुपयोगी हो जाता है। जबकि अगर EPROM पर लिखते समय कोई मिसकैरेज या त्रुटि या बग आता आता है तो इसे फिर से उपयोग किया जा सकता है।
8. PROM  EPROM का पुराना Version हैं। EPROM PROM का नया version हैं।
9. PROM फ्लेक्सिबिलिटी और स्केल के मामले में EPROM से बेहतर है। EPROM में flexibility और scalability बहुत कम होती है।
10. PROM में bipolar ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाता है। EPROM में MOS ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाता है।

Conclusion

आज के इस पोस्ट में हमने जाना Difference Between PROM and EPROM in Hindi की PROM और EPROM में क्या अंतर है साथ ही हमने यह भी जाना की PROM और EPROM किसे कहते है।

PROM EPROM से सस्ता है लेकिन PROM को केवल एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है जबकि EPROM को कई बार प्रोग्राम किया जा सकता है लेकिन EPROM से डेटा को डिलीट करने के लिए सिस्टम से चिप को हटाना पड़ता है।

Ravi Giri
Ravi Girihttp://hinditechacademy.com/
नमस्कार दोस्तों, मै रवि गिरी Hindi Tech Academy का संस्थापक हूँ, मुझे पढ़ने और लिखने का काफी शौख है और इसीलिए मैंने इस ब्लॉग को बनाया है ताकि हर रोज एक नयी चीज़ के बारे में अपने ब्लॉग पर लिख कर आपके समक्ष रख सकू।

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