Uttarayan और Dakshinayan के बीच क्या अंतर है?

आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे Uttarayan और Dakshinayan किसे कहते है और Difference Between Uttarayan and Dakshinayan in Hindi की Uttarayan और Dakshinayan  में क्या अंतर है?

उत्तरायण और दक्षिणायन के बीच क्या अंतर है?

हिंदू पंचांग के अनुसार जब सूर्य मकर से मिथुन राशि तक भ्रमण करता है, तो इस अंतराल को उत्तरायण कहते हैं। सूर्य के उत्तरायण की यह अवधि 6 माह की होती है। वहीं जब सूर्य कर्क राशि से धनु राशि तक भ्रमण करता है तब इस समय को दक्षिणायन कहते हैं।

दक्षिणायन को नकारात्मकता का और उत्तरायण को सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। सौरमास का आरम्भ सूर्य संक्रांति से होता है। सूर्य की एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति को सौरमास कहते हैं।

इसके आलावा भी Uttarayan और Dakshinayan में कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते है जिनको हम Difference टेबल के माध्यम से नीचे समझेंगे लेकिन उससे पहले हम Uttarayan और Dakshinayan  किसे कहते है इसको और अच्छे से समझ लेते है।

उत्तरायण किसे कहते है?

उत्तरायण मास को देवी- देवताओं का दिन माना गया है। उत्तरायण के 6 महीनों के दौरान नए कार्य जैसे- गृह प्रवेश , यज्ञ, व्रत, अनुष्ठान, विवाह, मुंडन आदि जैसे कार्य करना शुभ माना जाता है। उत्तरायण के समय दिन लंबा और रात छोटी होती है। उत्तरायण में तीर्थयात्रा, धामों के दर्शन और उत्सवों का समय होता है। उत्तराणण के दौरान तीन ऋतुएं होती है- शिशिर, बसन्त और ग्रीष्म

दक्षिणायन किसे कहते हैं?

मान्यताओं के अनुसार दक्षिणायन का काल देवताओं की रात्रि मानी गई है। दक्षिणायन के समय में रातें लंबी हो जाती हैं और दिन छोटे होने लगते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 21/22 जून से दक्षिणायन आरंभ होता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दक्षिणायन होने पर सूर्य दक्षिण की ओर झुकाव के साथ गति करता है।दक्षिणायन में विवाह, मुंडन, उपनयन आदि विशेष शुभ कार्य निषेध माने जाते हैं। दक्षिणायन के दौरान वर्षा, शरद और हेमंत, ये तीन ऋतुएं होती हैं। तामसिक प्रयोगों के लिए दक्षिणायन का समय उपयुक्त होता है।

Difference Between Uttarayan and Dakshinayan in Hindi

अभी तक ऊपर हमने जाना की Uttarayan और Dakshinayan किसे कहते है अगर आपने ऊपर दी गयी सारी चीजे ध्यान से पढ़ी है तो आपको Uttarayan और Dakshinayan के बीच क्या अंतर है इसके बारे में अच्छे से पता चल गया होगा।

अगर आपको अब भी Uttarayan और Dakshinayan क्या होता है और इसमें क्या अंतर है इसको समझने में में कोई कन्फ़्युशन है तो अब हम आपको इनके बीच के कुछ महत्वपूर्ण अंतर नीचे बताने जा रहे है।

Uttarayan Dakshinayan
ग्रीष्म संक्रांति को उत्तरायण भी कहा जाता है। शीतकालीन संक्रांति को दक्षिणायन के नाम से भी जाना जाता है।
उत्तरायण में सर्दी, बसंत और ग्रीष्म शामिल हैं दक्षिणायन में सर्दी, शरद ऋतु और मानसून शामिल हैं।
सकारात्मकता उत्तरायण का प्रतीक है दक्षिणायन नकारात्मकता के साथ जुड़ा हुआ है
उत्तरायण में दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं। दक्षिणायन लंबी रातों और छोटे दिनों के साथ जुड़ा हुआ है.
उत्तरायण के दौरान शुभ कार्यों को प्रोत्साहित किया जाता है दक्षिणायन के दौरान शुभ कार्यों को हतोत्साहित किया जाता है
उत्तरायण 22 दिसंबर के आसपास शुरू होता है और लगभग 21 जून तक 6 महीने तक चलता है। दक्षिणायन 21 या 22 जून के आसपास शुरू होता है।

Conclusion

आज के इस पोस्ट में हमने जाना की Uttarayan और Dakshinayan  किसे कहते है और Difference Between Uttarayan and Dakshinayan in Hindi की Uttarayan और Dakshinayan में क्या अंतर है।

Ravi Giri
Ravi Girihttp://hinditechacademy.com/
नमस्कार दोस्तों, मै रवि गिरी Hindi Tech Academy का संस्थापक हूँ, मुझे पढ़ने और लिखने का काफी शौख है और इसीलिए मैंने इस ब्लॉग को बनाया है ताकि हर रोज एक नयी चीज़ के बारे में अपने ब्लॉग पर लिख कर आपके समक्ष रख सकू।

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