दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे की What is SSL Protocol in Hindi-SSL प्रोटोकॉल क्या है ? और How Does SSL Protocol Work- SSL प्रोटोकॉल कैसे काम करता है ?
What is SSL Protocol in Hindi-SSL प्रोटोकॉल क्या है ?
Secure Sockets Layer (SSL) एक Networking Protocol है जो एक असुरक्षित नेटवर्क पर Web Clients और Web Servers के बीच Secure Connection Establish करने के लिए Designed किया गया है | औपचारिक रूप से 1995 में पेश किए जाने के बाद, SSL ने एक वेब सर्वर के लिए उपभोक्ताओं और व्यवसायों के बीच ऑनलाइन लेनदेन को सुरक्षित रूप से सक्षम करना संभव बना दिया ।
सरल शब्दों में SSL (Secure Sockets Layer) Security की एक ऐसी Technology है जिसका उपयोग वेब सर्वर और वेब ब्राउज़र के बीच सुरक्षित कनेक्शन स्थापित करने के लिए किया जाता है। इसमें सुरक्षित लिंक Encrypted Format में होती है, इसलिए यह उपयोगकर्ताओं को आश्वासन देता है कि इस लिंक के बीच जो डेटा पास किया गया है, वह Private and Original है। SSL एक Industry standard Protocol है जो कई वेबसाइटों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ अपने ऑनलाइन लेनदेन की सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाता है।
Web Browser & Web Server के बीच सुरक्षित कनेक्शन की अनुमति देने के लिए SSL (Secure Sockets Layer) को Netscape Communications, द्वारा Developed किया गया था। इंटरनेट पर क्रेडिट कार्ड लेनदेन की सुरक्षा के बारे में कुछ समस्याओं के कारण SSL का पहला Version कभी जारी नहीं किया गया। 1994 में, फिर से एक और Version बनाया गया जिसे Netscape Communications, द्वारा SSLv2 नाम दिया गया था, जो पहले Version की समस्या से उबर गया और अब क्रेडिट कार्ड नंबर और अन्य संवेदनशील डेटा को सुरक्षित करने में सक्षम था । 1995 में, Netscape ने एक और कदम आगे बढ़ाया और SSLv2 से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए अपने cryptographic algorithms को मजबूत किया और उन्होंने इसे SSLv3 नामक एक अन्य Version के तहत जारी किया, जो कई अन्य security algorithms का समर्थन करता है जो SSLV2 द्वारा समर्थित नहीं थे।
How Does SSL Protocol Work- SSL प्रोटोकॉल कैसे काम करता है ?
SSL में सर्वर और क्लाइंट नाम की दो अलग-अलग इकाइयाँ होती हैं। क्लाइंट वह इकाई है जो दूसरी ओर से लेनदेन शुरू करता है सर्वर वह इकाई है जो क्लाइंट को जवाब देता है | SSL तीन प्रोटोकॉल पर काम करता है जैसे कि Handshake Protocol, Record Protocol और Alert Protocol । सर्वर को Handshake Protocol के समय ग्राहक द्वारा प्रमाणित किया जाता है। Handshake Protocol पूरा होने के बाद डेटा ट्रांसफर को एन्क्रिप्ट करने के लिए Record Protocol का काम आता है। अंतिम रूप से Alert Protocol का उपयोग किसी भी संदिग्ध पैकेट को संभालने के लिए किया जाता है, यदि कोई Alarms tick के समय किसी भी Point पर टिक करता है। SSL के 3 primary component (protocols) होते है। SSL को इन 3 protocols में divide किया गया हैं।
1. SSL HANDSHAKE PROTOCOL
इस प्रोटोकॉल में, Server को हमेशा Clint द्वारा Authenticate किया जाता है, और सर्वर में क्लाइंट को प्रमाणित करने का विकल्प भी होता है। दूसरे शब्दों में, आप कह सकते हैं कि हैंडशेक प्रोटोकॉल के दौरान क्लाइंट वेब सर्वर द्वारा प्रमाणित नहीं होते हैं क्योंकि इसमें SSL के अलावा क्लाइंट को सत्यापित करने के अन्य तरीके है | SSL handshake protocol के द्वारा client और server के बीच में secure channel establish किया जाता है। ये protocol keys और algorithms की information SSL record protocol को provide करता है। इस protocol के द्वारा clients और servers 3 primary tasks perform करते है।
- Clients और servers cryptographic algorithm determine करते है। ये वो algorithm होती है जिससे data encrypt किया जायेगा। जब client और server दोनों किसी एक algorithm को support करते है तो उसे ही choose किया जाता है।
- Clients और servers एक दूसरे को authenticate करते है।
- एक दूसरे के साथ keys exchange करते है ताकि दूसरी तरफ data का decryption किया जा सके।
2. SSL RECORD PROTOCOL
संदेश के सभी Encryption को संभालने के लिए SSL Record Protocol जिम्मेदार होता है। यह प्रोटोकॉल सभी अलर्ट, ChangeCipherSpec, Handshake & application protocol messages को फ्रेम करने के लिए एक सामान्य प्रारूप प्रदान करता है।SSL Records में encapsulated data, digital signature, message type, version & length शामिल हैं। SSL Records 8 बाइट्स लंबे होते हैं। SSL record protocol data का fragmentation, compression और encryption करता है। इस property के functions निचे explain किये जा रहे है।
- Application layer से प्राप्त data को fixed length के packets में break करना।
- Data को compress करना।
- Message Authentication Code (MAC) add करना।
- Break किये गए packets को encrypt करना।
- सभी packets के साथ SSL header attach करना।
3. SSL ALERT PROTOCOL
SSL alert protocol sessions में आने वाली problems (errors) को alert messages के द्वारा represent करता है। एक alert message में error की गंम्भीरता और उसके बारे में short description दिया जाता है।
जब भी कोई fatal error message मिलता है तो server और client दोनों ही connection को close कर देते है। जब connection को close किया जाता है तो इसी protocol के माध्यम से client और server एक दूसरे को notify करते है। इसके लिए close_notify message भेजा जाता है। ये protocols warnings भी present करता है।
Conclusion
दोस्तों आज की इस पोस्ट में हमने जाना की What is SSL Protocol in Hindi-SSL प्रोटोकॉल क्या है ? और How Does SSL Protocol Work- SSL प्रोटोकॉल कैसे काम करता है ? मुझे आशा है की है की आज की यह पोस्ट आपको ज़रूर पसंद आयी होगी |