हम सबने ISRO और DRDO का नाम सुना है लेकिन बहुत सारे लोग है जिनको इन दोनों के बीच का अंतर नहीं बात इसलिए आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे ISRO और DRDO किसे कहते है और Difference Between ISRO and DRDO in Hindi की ISRO और DRDO में क्या अंतर है?
ISRO और DRDO के बीच क्या अंतर है?
Defence Research Development Organization (DRDO) और Indian Space Research (ISRO) यह दोनों भारत सरकार की संस्थाए है। एक ओर जहां डीआरडीओ भारतीय सशस्त्र बलों के तोपखाने और हथियारों के लिए जिम्मेदार है, वहीं इसरो पर अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया में अपनी पहचान बनाने की जिम्मेदारी है। राष्ट्रीय लाभ के लिए सर्वोत्तम उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए दोनों विभाग व्यापक शोध का उपयोग करते हैं।
ISRO और DRDO के बीच अगर मुख्य अंतर की बात करे तो Defence Research Development Organization (DRDO) भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय में रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के तहत कार्य करने वाली प्रमुख एजेंसी है जबकि ISRO यानी Indian Space Research भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के तहत काम करती है। यह विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधार स्थापित करने के लिए काम करता है।
इसके आलावा भी ISRO और DRDO में कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते है जिनको हम Difference टेबल के माध्यम से नीचे समझेंगे लेकिन उससे पहले हम ISRO और DRDO किसे कहते है इसको और अच्छे से समझ लेते है।
What is Isro in Hindi-इसरो किसे कहते है?
ISRO (Indian Space Research) जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के नाम से भी जाना जाता है यह एक भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है। यह अंतरिक्ष विभाग के तहत संचालित होता है, जिसकी सीधे भारत के प्रधान मंत्री द्वारा देखरेख की जाती है।
अंतरिक्ष गतिविधियाँ भारत में 1960 के दशक में शुरू हुईं और भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक डॉ विक्रम साराभाई ने भारत से अंतरिक्ष मिशन शुरू करने का विचार रखा और अंतरिक्ष कार्यक्रम के महत्व पर जोर देते हुए सरकार को समझाया था। जिसके बाद 15 अगस्त 1969 में इसरो की स्थापना हुई।
ISRO: Significance
- इसरो का लक्ष्य भारत के लिए अंतरिक्ष तक पहुंच प्रदान करने के लिए लॉन्च वाहनों और संबंधित प्रौद्योगिकियों को डिजाइन और विकसित करना है।
- यह पृथ्वी के अवलोकन, संचार, नेविगेशन, मौसम विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान के लिए उपग्रहों और संबंधित प्रौद्योगिकियों का डिजाइन और विकास भी करता है
- भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (इनसैट) कार्यक्रम इसरो द्वारा दूरसंचार, टेलीविजन प्रसारण और विकासात्मक अनुप्रयोगों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए विकसित किया गया था।
- इसरो के भारतीय रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट (आईआरएस) कार्यक्रम का उपयोग प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और अंतरिक्ष आधारित इमेजरी के माध्यम से पर्यावरण के अवलोकन के लिए किया जाता है।
- यह सामाजिक विकास के लिए अंतरिक्ष आधारित अनुप्रयोगों को विकसित करता है और अंतरिक्ष विज्ञान और ग्रहों की खोज में अनुसंधान और विकास करता है
What is Drdo in Hindi-DRDO किसे कहते है?
DRDO जिसका फुलफॉर्म Defence Research and Development Organisation है यह एक रक्षा मंत्रालय में रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के तहत प्रमुख एजेंसी है, जो सेना के अनुसंधान और विकास के लिए जिम्मेदार है, जिसका मुख्यालय दिल्ली, भारत में है।
DRDO वह संगठन है जो भारत के लिए विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधार स्थापित करने के लिए काम करता है और सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों और उपकरणों के सामने रखी गई आवश्यकताओं के अनुसार सुसज्जित करता है।
DRDO की स्थापना 1958 में हुई जब भारतीय सेना के तकनीकी विकास प्रतिष्ठान (TDE) और तकनीकी विकास और उत्पादन निदेशालय (DTDP) को रक्षा विज्ञान संगठन (DSO) के साथ जोड़ा गया।
अब संगठन को 5000 से अधिक वैज्ञानिकों और विभिन्न कर्मियों द्वारा चलाया जा रहा है। डीआरडीओ के काम में मिसाइलों और हथियारों के विकास से लेकर इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली तक विभिन्न परियोजनाएं शामिल हैं।
DRDO: Significance
DRDO की आत्मनिर्भरता की खोज और सफल स्वदेशी विकास और रणनीतिक प्रणालियों और प्लेटफार्मों का उत्पादन जैसे
- मिसाइलों की अग्नि और पृथ्वी श्रृंखला
- हल्के लड़ाकू विमान, तेजस
- मल्टी बैरल रॉकेट लांचर, पिनाका
- वायु रक्षा प्रणाली, आकाश
- रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों की एक विस्तृत श्रृंखला
DRDO: Mission
- यह भारतीय रक्षा सेवाओं के लिए अत्याधुनिक सेंसर, हथियार प्रणाली और अन्य आवश्यक उपकरणों का डिजाइन, विकास और उत्पादन करता है।
- यह रक्षा सेवाओं के लिए सभी तकनीकी समाधान प्रदान करता है और युद्ध प्रभावशीलता का अनुकूलन करता है।
- इसका उद्देश्य भारत के रक्षा सैनिकों की भलाई को बढ़ावा देना है
- यह भारत के लिए बुनियादी ढांचे और गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति विकसित करता है और मजबूत स्वदेशी प्रौद्योगिकी आधार बनाता है
Difference Between ISRO and DRDO in Hindi-इसरो और डीआरडीओ में क्या अंतर है
अभी तक ऊपर हमने जाना की ISRO और DRDO किसे कहते है अगर आपने ऊपर दी गयी सारी चीजे ध्यान से पढ़ी है तो आपको ISRO और DRDO के बीच क्या अंतर है इसके बारे में अच्छे से पता चल गया होगा।
अगर आपको अब भी ISRO और DRDO क्या होता है और इसमें क्या अंतर है इसको समझने में में कोई कन्फ़्युशन है तो अब हम आपको इनके बीच के कुछ महत्वपूर्ण अंतर नीचे बताने जा रहे है।
Category | DRDO | ISRO |
Ministry | Ministry of Defence | Department of Space, Govt of India |
Origination | 1958 | The 1960s |
Founder | Govt of India | Dr Vikram Sarabhai |
Functions | Develops defence weapons, artillery, missiles etc for Indian Armed forces | Develops and builds Space projects, satellites and launch vehicles |
Products | BrahMos, Prithvi, Agni, Trishul, Akash | PSLV, GSLV, INSAT, MOM, Chandrayaan |
Purpose | The organization works only for defence purpose, to save the integrity of the Indian Boundaries | Works for domestic purposes too like agriculture, communication system, weather assessment, green area measurement etc to help the general population |
Conclusion
आज के इस पोस्ट में हमने जाना की ISRO और DRDO किसे कहते है और Difference Between ISRO and DRDO in Hindi की ISRO और DRDO में क्या अंतर है।