TDS और Income Tax में क्या अंतर है?

आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे TDS और Income Tax किसे कहते है और Difference Between TDS and Income Tax in Hindi की TDS और Income Tax में क्या अंतर है?

TDS और Income Tax के बीच क्या अंतर है?

आयकर (Income Tax) एक व्यक्ति की कुल वार्षिक आय या एक व्यावसायिक इकाई के लाभ पर लिया जाने वाला कर है जबकि TDS अपेक्षित कर के एक अंश को संदर्भित करता है जो किसी व्यक्ति की कमाई से समय-समय पर या कभी-कभी काटा जाएगा। TDS की कटौती आमदनी होने के साथ ही हो जाती है, यानी TDS का भुगतान करदाता पहले कर देता है, जबकि इनकम टैक्स का भुगतान बाद में किया जाता है। TDS और Income Tax के बीच के कुछ प्रमुख अंतर नीचे दिए गए है।

  • किसी व्यक्ति को आयकर का भुगतान सालाना करना होता है, जिसकी गणना एक वित्त वर्ष के दौरान यानी सालाना आधार पर की जाती है जबकि TDS कि कटौती एक विशेष साल में आवर्ती आधार पर की जाती है।
  • इनकम टैक्स में टैक्स देनदारी करदाता खुद तय कर सकता है और इसका भुगतान वह सीधे सरकार को कर सकता है जबकि TDS कटौती एक कर की देनदारी का निर्वहन करने का एक अप्रत्यक्ष तरीका है जहां नियोक्ता (नियोक्ता, बैंक, वित्तीय संस्थान) सरकार के लिए कर वसूली की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाते हैं।
  • एक वित्त वर्ष के दौरान एक व्यक्ति की ओर से अर्जित समग्र आय पर इनकम टैक्स लगाया जाता है। वहीं TDS आपकी आय के स्रोत पर लगता है, जिसमें आपकी ओर से एक तय राशि का भुगतान किया जाता है।

इसके आलावा भी TDS और Income Tax में कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते है जिनको हम Difference टेबल के माध्यम से नीचे समझेंगे लेकिन उससे पहले हम TDS और Income Tax किसे कहते है इसको और अच्छे से समझ लेते है।

What is TDS in Hindi-TDS किसे कहते है?

TDS एक डायरेक्ट टैक्सेशन (प्रत्यक्ष कर-निर्धारण) का तरीका है जिसकी शुरुआत इनकम सोर्स से या इनकम पेआउट के समय से ही टैक्स एकत्रित करने के लिए की गई। TDS टैक्स चोरी पर नियंत्रण रखने में मदद करता है। इतना ही नहीं, इस पद्धति में करदाता को वित्तीय वर्ष के अंत में वार्षिक कर के रुप में एक बड़ी राशि का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होती।

TDS शुरू करने का मकसद था सोर्स पर ही टैक्स काट लेना। अगर सरल शब्दों में कहे तो किसी की कोई आय होती है तो उस आय से टैक्स काटकर अगर व्यक्ति को बाकी रकम दी जाए तो टैक्स के रूप में काटी गई रकम को TDS कहते हैं। सरकार TDS के जरिए टैक्स जुटाती है।

TDS हर आय पर और हर किसी लेन-देन पर लागू नहीं होता है। उदाहरण के तौर पर अगर आप भारतीय हैं और आपने डेट म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया तो इस पर जो आय प्राप्त हुई उस पर कोई TDS नहीं चुकाना होगा लेकिन अगर आप एनआरआई (अप्रवासी भारतीय) हैं तो इस फंड से हुई आय पर आपको TDS देना होगा।

कोई भी संस्थान (जो TDS के दायरे में आता है) जो भुगतान कर रहा है, वह एक निश्चित रकम TDS के रूप में काटता है। जिससे टैक्स लिया गया है उसे भी TDS कटने का सर्टिफिकेट जरूर लेना चाहिए। डिडक्टी अपने चुकाए गए टैक्स का TDS क्लेम कर सकता है। हालांकि उसी फाइनैंशल इयर में क्लेम करना पड़ेगा।

What is Income Tax in Hindi-आयकर किसे कहते है?

आपकी एक साल के अंदर होने वाली आमदनी पर केंद्र सरकार कर वसूलती है, इसे आयकर या इनकम टैक्स कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहे तो आयकर (इनकम टैक्स) वह कर है जो सरकार लोगों की आय पर आय में से लेती है।आयकर सरकारों के क्षेत्राधिकार के भीतर स्थित सभी संस्थाओं द्वारा उत्पन्न वित्तीय आय पर लागू होता है।।

आयकर से होने वाली कमाई को सरकार अपनी गतिविधियों और जनता को सुविधा और सेवाएं देने के लिए इस्तेमाल करती है। साल में एक बार आपको एक आईटीआर फॉर्म में सरकार को आमदनी, खर्च, निवेश और टैक्स देनदारी के बारे में बताना होता है इसे आयकर रिटर्न (इनकम टैक्स रिटर्न) कहते हैं.

दरअसल कोई भी सरकार अपने अधिकार क्षेत्र में रहने वाले लोगों और संस्थानों को जो नागरिक सेवा उपलब्ध कराती है, उन पर उसे काफी रकम खर्च करना पड़ता है।  इसमें सड़क, बिजली-पानी से लेकर सुरक्षा और प्रशासन पर आने वाले खर्च शामिल हैं। किसानों और गरीब लोगों को विभिन्न सुविधा पर दी जाने वाली सब्सिडी या मदद आदि भी इन खर्च में शामिल है.

Difference Between TDS and Income Tax in Hindi

अभी तक ऊपर हमने जाना की TDS और Income Tax किसे कहते है अगर आपने ऊपर दी गयी सारी चीजे ध्यान से पढ़ी है तो आपको TDS और Income Tax के बीच क्या अंतर है इसके बारे में अच्छे से पता चल गया होगा।

अगर आपको अब भी TDS और Income Tax क्या होता है और इसमें क्या अंतर है इसको समझने में में कोई कन्फ़्युशन है तो अब हम आपको इनके बीच के कुछ महत्वपूर्ण अंतर नीचे बताने जा रहे है।

  1. TDS और इनकम टैक्स टैक्स जमा करने के दो अलग-अलग तरीके होंगे।
  2. आयकर फाइलिंग वार्षिक आय के आधार पर होती है, जिस तरह से वित्तीय वर्ष के लिए करों की गणना आगे बढ़ती है।
  3. TDS एक विशिष्ट वर्ष की अवधि के लिए स्रोत पर काटा जाएगा।
  4. सरकार इनकम टैक्स फाइल करेगी। TDS, जो किसी व्यक्ति को उनकी कर देनदारियों से मुक्त करने का एक अप्रत्यक्ष तरीका है, सरकार के पास दायर किया जाएगा। कर कटौतीकर्ता सरकार के लिए अपने कर ऋणों की वसूली को आसान बनाते हैं।
  5. आयकर एक वित्तीय वर्ष के दौरान करदाता द्वारा अर्जित सभी आय पर लगाया जाता है।
  6. TDS रिटर्न आयकर कानूनों की एक आवश्यकता है कि स्रोत पर कर केवल उस व्यक्ति से काटा जाए जिसने भुगतान किया है।
  7. सभी वेतनभोगी व्यक्तियों या संस्थाओं को वित्तीय वर्ष के अंत के बाद निर्दिष्ट अवधि के लिए बेची गई कर से ऊपर की आय पर आयकर के अधीन होगा।
  8. TDS के तहत करदाताओं को टैक्स फाइल करने की आवश्यकता होगी, भले ही उन्होंने आय प्राप्त की हो या नहीं।

Conclusion

आज के इस पोस्ट में हमने जाना की TDS और Income Tax किसे कहते है और Difference Between TDS and Income Tax in Hindi की TDS और Income Tax में क्या अंतर है।

Ravi Giri
Ravi Girihttp://hinditechacademy.com/
नमस्कार दोस्तों, मै रवि गिरी Hindi Tech Academy का संस्थापक हूँ, मुझे पढ़ने और लिखने का काफी शौख है और इसीलिए मैंने इस ब्लॉग को बनाया है ताकि हर रोज एक नयी चीज़ के बारे में अपने ब्लॉग पर लिख कर आपके समक्ष रख सकू।

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