आज के इस पोस्ट में हम Difference Between Telnet and SSH in Hindi में जानेंगे की Telnet और SSH Protocol के बीच में क्या अंतर होता हैं?
Difference Between Telnet and SSH in Hindi
किसी दूर की नेटवर्किंग डिवाइस को एक्सेस करने के लिए विभिन्न प्रकार के एप्लिकेशन प्रोग्राम होते है जिनमे से Telnet और SSH प्राथमिक क्लाइंट सर्वर एप्लिकेशन प्रोग्राम हैं जो Remote Terminal Service के लिए इस्तेमाल किये जाते है और यह एक User को कही दूर रिमोट लोकेशन की नेटवर्किंग डिवाइस को एक्सेस करने की अनुमति प्रदान करता है।
भले ही दोनों प्रोटोकॉल का इस्तेमाल एक ही उद्देश्य के लिए किया जाता है लेकिन फिर भी इन दोनों प्रोटोकॉल के बीच काफी अंतर पाए जाते है। अगर Telnet और SSH Protocol के बीच के मुख्य अंतर की बात की जाये तो Telnet एक conventional protocol है जबकि Telnet की कुछ खामियों की वजह से अब SSH का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है।
इसलिए SSH को Telnet का Replacement Protocol भी कहा जाता है। SSH प्रोटोकॉल में Telnet की अपेक्षा कुछ अतिरिक्त फीचर पाए जाते है। नीचे हम Difference Table के माध्यम से Telnet और SSH Protocol के कुछ महत्वपूर्ण अन्तरो के बारे में बात करेंगे लेकिन उससे पहले हम Telnet और SSH Protocol को और अच्छे से समझ लेते है।
What is Telnet Protocol-Telnet प्रोटोकॉल क्या होता हैं?
Telnet एक नेटवर्क प्रोटोकॉल है जो Users को रिमोट लोकेशन की डिवाइस को एक्सेस करने की अनुमति देता है। यह एक वर्चुअल टर्मिनल प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग ज्यादातर Network Administrator द्वारा रिमोट लोकेशन की डिवाइस को Configure और Manage करने के लिए करते हैं। Telnet के द्वारा Administrator दूर बैठे ही रिमोट लोकेशन की डिवाइस को उसके Host Name या IP के द्वारा Access कर सकता है।
Telnet का उपयोग करने के लिए, आपकी डिवाइस पर टेलनेट क्लाइंट सॉफ्टवेयर Install होना चाहिए साथ ही एक Remote Device पर भी Telnet Server Install और Running होना चाहिए। Telnet डिफ़ॉल्ट रूप से TCP के Port 23 का उपयोग करता है।
Telnet Protocol का सबसे बड़ा नुकसान यह है की इसमें Username और Password को एक Clear Text में सेंड किया जाता है जिसे सुरक्षित नहीं माना जाता है और इसलिए अब Telnet का इस्तेमाल बहुत कम ही किया जाता है इसकी जगह अब SSH Protocol को इस्तेमाल किया जाने लगा है।
What is SSH Protocol-SSH प्रोटोकॉल क्या होता हैं?
SSH जिसका पूरा नाम Secure Shell होता है यह भी एक Telnet की तरह एक नेटवर्क प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग Remote लोकेशन की डिवाइस को एक्सेस करने और उसे मैनेज करने के लिए किया जाता है। SSH प्रोटोकॉल Telnet की अपेक्षा काफी सिक्योर होता है जिसका मतलब है की Remote लोकेशन और User की डिवाइस के बीच होने वाली Communication सुरक्षित होती है।
SSH प्रोटोकॉल सिक्योरिटी के लिए Public key Encryption का उपयोग करता है। Telnet की तरह Remote Device को Access करने वाले उपयोगकर्ता के पास SSH Client Install होना चाहिए साथ ही Remote Device पर भी SSH सर्वर को स्थापित और चलना चाहिए। SSH डिफ़ॉल्ट रूप से TCP के पोर्ट 22 का उपयोग करता है।
Difference Between Telnet and SSH in Hindi
अभी तक ऊपर हमने जाना की Telnet और SSH Protocol किसे कहते है? अगर आपने ऊपर दी गयी सारी बाते ध्यान से पढ़ी है तो आपको Telnet और SSH Protocol के बीच क्या अंतर है इसके बारे में पता चल गया होगा ।
अगर आपको अब भी Telnet और SSH Protocol में कोई confusion है तो अब हम आपको इनके बीच के कुछ महत्वपूर्ण अंतर नीचे बताने जा रहे है।
BASIS FOR COMPARISON | TELNET | SSH |
---|---|---|
Security | Telnet प्रोटोकॉल कम सिक्योर होता है। | SSH प्रोटोकॉल ज़्यादा सिक्योर होता है। |
Uses port number | 23 | 22 |
Data format | Telnet डेटा को प्लेन टेक्स्ट में सेंड करता है। | SSH डेटा को Encrypt करके उसे सुरक्षित फॉर्मेट में सेंड करता है। |
Authentication | उपयोगकर्ताओं के Authentication के लिए कोई विशेषाधिकार प्रदान नहीं किए गए हैं। | यह Authentication के लिए Public key encryption का इस्तेमाल करता है। |
Suitability of network | Telnet प्राइवेट नेटवर्क के लिए सूटेबल है। | SSH प्राइवेट और पब्लिक दोनों नेटवर्क के लिए सूटेबल है। |
Vulnerabilities | सुरक्षा हमलों के लिए कमजोर। | SSH ने Telnet के कई सुरक्षा मुद्दों को दूर किया है। |
Bandwidth Usage | Low | High |
Conclusion
इस पोस्ट में हमने Difference Between Telnet and SSH in Hindi की Telnet और SSH Protocol के बीच में क्या अंतर होता हैं इसके बारे जाना और साथ ही साथ हमने Telnet और SSH प्रोटोकॉल क्या होता है इसको भी अच्छे से जाना।
SSH प्रोटोकॉल Telnet से बेहतर होता है क्योकि यह सुरक्षित Communication प्रदान करता है। हालांकि Telnet यूजर को सुरक्षा प्रदान नहीं करता है फिर भी अभी इसका उपयोग किया जाता है क्योकि यह उपयोग करने में काफी सरल है।
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sir ji aap ko pata hoga ki dca exams oneline ho rahe he to jo books abhi stors par uplavdh he unme only option he diy he yadi aap dca 2 nd sem ki books ko full ditals ke sath dall de to hum aapke aabhari rahenge
agar puri nahi to jo topic most he unki ditails dall dena
thank sir ji