Difference Between Bridge and Switch in Hindi

आज के इस पोस्ट में हम Difference Between Bridge and Switch in Hindi में जानेंगे की Bridge और Switch के बीच में क्या अंतर होता हैं?

Difference Between Bridge and Switch in HindiDifference Between Bridge and Switch in Hindi

जब एक से अधिक डिवाइस कनेक्ट होकर आपस में इनफार्मेशन को शेयर करती है तो इसे नेटवर्क कहा जाता है और इन डिवाइस को आपस में कनेक्ट करने के लिए Bridge और Switch जैसी डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है।

अच्छी तरह डेटा मैनेजमेंट और उसकी डिलीवरी के लिए एक बड़े नेटवर्क को छोटे-छोटे Subnetwork में Divide किया जाता है और इन Subnetwork को आपस में कनेक्ट करने के लिए Switch य Bridge का इस्तेमाल किया जाता है। Bridge और Switch दोनों समान कार्यक्षमता प्रदान करते हैं लेकिन एक Switch में Bridge की अपेक्षा अधिक फीचर और होते है इसलिए यह अधिक Efficiency के साथ काम करता है।

अगर एक Bridge और Switch के बुनियादी अंतर की बात की जाये तो एक ब्रिज एक बड़े नेटवर्क को बनाने के लिए छोटे नेटवर्क सेगमेंट को जोड़ता है, और यह एक लैन से दूसरे LAN में फ्रेम को भी रिले करता है। दूसरी ओर, स्विच Bridge की तुलना में अधिक नेटवर्क सेगमेंट को जोड़ता है।

इसके आलावा भी एक Bridge और Switch में बहुत सारे अंतर पाए जाते है  जिनको हम Difference Table के माध्यम से नीचे जानेंगे लेकिन उससे पहले हम Bridge और Switch  को और अच्छे से जानते है।

What is Network Bridge in Hindi-Network Bridge किसे कहते है?

Bridge एक नेटवर्किंग डिवाइस होती है जो OSI मॉडल की physical layer और data link layer पर काम करता हैं यह एक ही प्रोटोकॉल पर काम करने वाले दो अलग-अलग LAN को जोड़ता है। इसके अलावा Bridge में पैकेट का फॉर्मेट नहीं बदलता है।

एक Bridge एक बड़े नेटवर्क को छोटे सेगमेंट में विभाजित कर सकता है और इसका उपयोग दो अलग LAN नेटवर्क को जोड़ने के लिए भी किया जाता है। Bridge का  मुख्य उद्देश्य दो अलग LAN के बीच फ्रेम को ट्रांसमिट करना है।

जब किसी Bridge को कोई  Frame प्राप्त होता है तो यह सिग्नल Regenerate करता है और फ्रेम के Destination Address की जांच करता है और उसे आगे फॉरवर्ड कर देता हैं।

Bridge नेटवर्क में डाटा को Broadcast नहीं करता है बल्कि वह डाटा को destination/receiver station को ही Foreword करता हैं।

आइए हम निम्नलिखित steps के माध्यम से एक Bridge के कार्य को समझते हैं: –

  • Bridge जो Frame रिसीव करता हैं उसमे Destination का Address होता हैं।
  • Bridge एक look-up table को मेन्टेन करता है जिसमे नेटवर्क के सभी डिवाइस का Physical address होता हैं।
  • यह फ़्रेम में Destination address की तुलना look-up table के पते से करता है।
  • यदि एक कोई मैच पाया जाता है तो Bridge को यह पता चलता है कि पैकेट किस सेगमेंट का है और पैकेट को अपने destination station तक आगे Foreword कर देता है।

Types of Bridge

Simple Bridge- यह सबसे कम खर्चीला Bridge है इसमें  केवल दो LAN को जोड़ा जा सकता है और इसमें lookup table को मैन्युअली बनाना पड़ता हैं।

Multiport Bridge: यह 2 से अधिक LAN नेटवर्क को आपस में कनेक्ट कर सकता हैं।

Transparent Bridge: यह अपने आप ही Look up Table को बनाता हैं और उसे अपडेट करता रहता हैं।

What is Switch in Hindi- नेटवर्क Switch क्या होता है।

Switch भी एक नेटवर्किंग डिवाइस होती है जो नेटवर्क के अंदर ही बहुत सारे कंप्यूटर और अन्य Networking डिवाइस को आपस में कनेक्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं।

यह एक डेटा लिंक लेयर डिवाइस है और Source से Destination के बीच डेटा पैकेट को ट्रांसमिट करता है। एक Hub के विपरीत, Switch नेटवर्क में Broadcast नहीं करता बल्कि Specific डिवाइस के पास ही डेटा पैकेट को सेंड करता है।

स्विच डेटा पैकेट को  ट्रांसमिट करने से पहले Error की जाँच कर सकता है जो एक स्विच की बहुत अच्छी विशेषता है क्योंकि यह उन पैकेटों को ट्रांसमिट नहीं करता है जिनमें किसी भी प्रकार के Error पाए जाते हैं.

यह किसी भी डाटा पैकेट को सेंड करने से पहले Error Checking के Process को पूरा करता है उसके बाद ही डाटा पैकेट को ट्रांसमिट करता है। दूसरे शब्दों में, स्विच collision domain को Host में विभाजित करता है, लेकिन Broadcast Domain वही रहता है।

Features of Switches
  • Switch OSI model की नेटवर्क और डेटा लिंक लेयर पर काम करते है।
  • यह एक Intelligent network Device है जिसकी कल्पना मल्टी नेटवर्क नेटवर्क ब्रिज के रूप में की जा सकती है।
  • यह Destination Port को डेटा पैकेट भेजने के लिए MAC Addresss का उपयोग करता है।
  • यह Unicast, Multicast और Broadcast Communication का समर्थन करता है।
  • डेस्टिनेशन पोर्ट पर डेटा को Forward करने से पहले स्विच Error Checking कर सकते हैं।
  • एक स्विच में Port की संख्या काफी होती है-24/48.

Types of Switches in Hindi-Switches के प्रकार

आज के समय विंभिन्न प्रकार के नेटवर्क स्विच मार्किट में उपलब्ध है जिन्हे 4 भागो में वर्गीकृत किया जा सकता है।

Unmanaged Switch −यह काफी सस्ते स्विच हैं जो आमतौर पर घरेलू नेटवर्क और छोटे व्यवसायों में उपयोग किए जाते हैं। उन्हें केवल नेटवर्क में प्लग इन करके सेट किया जा सकता है, जिसके बाद यह  तुरंत काम करना शुरू कर देते हैं। इन्हे Unmanaged Switch इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस तरह के Switch को कॉन्फ़िगर या मॉनिटर करने की आवश्यकता नहीं होती है।

Managed Switch −यह महंगे स्विच हैं और इनका इस्तेमाल खासकर किसी बड़े Organization में किया जाता है।  इन Switches में काफी फ़ीचर पाए जाते है।  स्केलेबिलिटी और लचीलेपन के कारण इनका इस्तेमाल काफी किया जाता है । Simple Network Management Protocol (SNMP) का उपयोग प्रबंधित स्विच को कॉन्फ़िगर करने के लिए किया जाता है।

LAN Switch − Local Area Network (LAN)  स्विच किसी Organization के आंतरिक नेटवर्क में डिवाइस को आपस में जोड़ते  है। इस प्रकार के Switch को ईथरनेट स्विच या डेटा स्विच भी कहा जाता है। ये स्विच नेटवर्क में कंजेशन को कम करने में विशेष रूप से सहायक होते हैं।

PoE Switch −Power over Ethernet (PoE) स्विच का उपयोग PoE Gogabit Ether nets में किया जाता है। PoE Switch में एक ही केबल पर डेटा और पॉवर दोनों ट्रांसमिशन होता है ताकि इससे जुड़े डिवाइस पावर के साथ-साथ एक ही लाइन पर डेटा प्राप्त कर सकें। PoE Switch  यूजर को अधिक Flexybility प्रदान करता है और केबल कनेक्शन को सरल करता है।

Difference Between Bridge and Switch in Hindi

अभी तक ऊपर हमने जाना की Bridge और Switch किसे कहते है? अगर आपने ऊपर दी गयी सारी बाते ध्यान से पढ़ी है तो आपको Bridge और Switch के बीच क्या अंतर है इसके बारे में पता चल गया होगा ।

अगर आपको अब भी Bridge और Switch में कोई confusion है तो अब हम आपको इनके बीच के कुछ महत्वपूर्ण अंतर नीचे बताने जा रहे है।

BASIS FOR COMPARISON BRIDGE SWITCH
Basic एक Bridge कम LAN को ही कनेक्ट कर सकता है। एक Switch अधिक नेटवर्क को कनेक्ट कर सकता है।
Buffer Bridges में buffersनहीं होता है। Switch में Buffers होता है।
Types Simple bridge, multiport bridge और transparent bridge. Store-and-forward switch और  cut-through switch.
Error Bridges error checking नहीं करते है। Switches error checking को परफॉर्म करते है।

Conclusion

इस पोस्ट में हमने Difference Between Bridge and Switch in Hindi की Bridge और Switch के बीच में क्या अंतर होता हैं? इसके बारे में जाना और साथ ही साथ Bridge और Switch को भी अच्छे से समझा।

Switch एक तरह से Modern Bridge ही है इसमें एक Bridge के साथ साथ और भी बहुत सारे फ़ीचर होते है इसलिए एक Switch एक Bridge से अधिक प्रभावशाली होता है।

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Ravi Giri
Ravi Girihttp://hinditechacademy.com/
नमस्कार दोस्तों, मै रवि गिरी Hindi Tech Academy का संस्थापक हूँ, मुझे पढ़ने और लिखने का काफी शौख है और इसीलिए मैंने इस ब्लॉग को बनाया है ताकि हर रोज एक नयी चीज़ के बारे में अपने ब्लॉग पर लिख कर आपके समक्ष रख सकू।

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